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Local Security Guards-क्यों भूल जाते है पुलीस वाले की…

My Thought
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क्यों भूल जाते है पुलिस वाले की उन्हें इस शेत्र में रखा गया है समाज की सुरक्षा व व्यवस्था बनाने के लिए ! कैसे भूल जाते है वो शपथ जो उन्होंने उस पद की गरिमा , निष्ठां व उत्तरदायित्व निभाने के लिए खायी थी !
इस मुद्दे पर लिखने के लिए बहुत समय से मन था पर अंततः हाल ही के कुछ अनुभवो ने कहा मन हल्का करना है तो लिख ही डालो !

दिन था 19 june २०१० हम अपने cousins के साथ अपनी b’day treat के लिए outing के लिए गये थे ! घर के पास वाले चौराहे पर road cross करते समय एक सामान से भरा डाला निकला जिसकी स्पीड से लग रहा था की ये rush area नही बल्कि high way है ! हम सोच ही रहे थे के एक पुलिस वाला आगे बढ़ा हमने सोचा शायद ये कागज़ check करेगा , over loading और speed के लिए टोकेगा ! उसने हाथ दिखाया तो Driver ने जैसे भिखारी को भीख दी जाती है उसी अंदाज़ में कुछ फेका ध्यान दिया तो रोल किया हुआ नोट था , पुलिस वाले ने एक भूखे __ की तरह चारो तरफ देखा , पास में एक मिनट खड़ा हुआ और बेगैरती के साथ नोट उठा कर जेब में रख लिया हम ये देख कर बहुत अफ़सोस में डूब गये ! उसका वो लालची चेहरा zoom के साथ हमारी आँखों के सामने छा गया ! अपनी cousins के साथ कब road cross कर ली हमने हमे ध्यान ही नही आया ! फिर हमको ऐसे ही कुछ दीदी के अनुभव भी याद आ गये जो वो कुछ Particular routes पर रोज़ देखती है !

दूसरे कडुवे अनुभव के लिए भी हमे ज्यादा दिन इंतज़ार नही करना पड़ा अगले ही दिन यानि 20 जून को अचानक हम girls का movie का program बना ! ticket मिले प्रतिभा सिनेमा के वो हॉल जिस जगह situated है वो हमारी favorite जगह है क्योकि वो सचिवालय का area है ! वह हम dam security वाला area है ! आलतू – फालतू कोई नही सिर्फ सरकारी कर्मचारी नज़र आते है वहां ! वहां की सरकारी भवनों व नीली-लाल बत्तियो को देखते हुए चलना हमे बेहद पसंद है ये चीज़े हमे बहुत Motivate करती है !
इसी hall के चुनाव के समय हमने इसीलिए समर्थन दिया PVR के ticket न मिलने का कोई अफ़सोस नही किया ! Movie के बाद हम लोगो ने गंज के लिए rickshaw किया ! हम अभी हम चौराहे पर भी नही पहुची थी की 3 लड़के आ कर हमारी एक cousin से बतमीजी भी कर गये वही area जो हमे top security समझ के safe feel करते थे , जहाँ उस दिन भी कदम-कदम पर पुलिस मौजूद थी वहां दो कौड़ी के चिड़ीमार लड़के , लडकियों को छेड़ गये और किसी पुलिस वाले ने ध्यान दिया ही नही ! जिस sis के साथ ऐसा हुआ उसने वो शब्द बोलने शुरू किये जो सिर्फ हम लोग ऐसे ही situations में use करते है , तब भी किसी पुलिस वाले ने इस ओर ध्यान नही दिया या यूँ कहे की ध्यान देने की जरुरत नही समझी ! उन सड़क छाप आशिको को 2 कदम पर पुलिस वालो का कोई खौफ नही था तो सोचिये देश के साथ जो छेड़खानी करने आयेंगे वो कैसे डरेंगे हमारी पुलिस से, हमारे राज्य स्तर के सुरक्षा कर्मियों से !
हमारी sis के बहुमूल्य वचनों से भी उन लडको को कोई फर्क नही पड़ा और वो ढीठ तब भी अपमानजनक कुछ शब्द बोले व इशारे किये तो हम लोगो को लगा इनकी ऐसी – की – तैसी और हम लोग भी rickshaw से उतर के उन लोगो के आमंत्रण का फल देने दौड़े ! तब हम 3 लडकियों से दर के वो उलटे पाँव भाग कर उसी सिनेमा घर की भीड़ में घुस गये ! हम लोगो का भी दिमाग गर्म था क्योकि कुछ दिन पहले ही हम बाकि 2 girls के साथ अलग-अलग तरीके से छेड़खानी हो चुकी थी ! उस time अचानक कुछ action / step समझ नही आया था और बाद में खुद पर गुस्सा आई थी की वो ऐसा करके चला गया तो हमने कैसे नही बदला लिया ?? बस यही सोच के हम लोगो ने उन लोगो का पीछा किया , भीड़ में खो जाने पर भी हम तीनो वहीँ उन्हें ५ मिनट तक ढूंढते रहे ! फिर बाकि cousins भी आ गयी हम लोगो को ख़ाली हाथ लौटना पड़ा ! वहां से निकलते समय हमने देखा की शहर की सुरक्षा के लिए एक पुलिस की गाड़ी खड़ी उस में पुलिस वाले भी बैठे थे , दो कदम पे स्थित एक सरकारी भवन के gate पर कई पुलिस कर्मी भी तैनात थे ! हमे कई लोगो ने notice किया था के लडकिया किसी के पीछे भागी है ! हमे किसी सामान्य जनता से कोई उम्मीद नही थी की कोई आगे बढ़ कर सहयोग देगा पर उन ढेर सारे पुलिसवालो से हमे बहुत उम्मीद थी ! अगर गश्ती गाड़ी पर उनकी नियुक्ति है तो इसी लिए की वो तुरंत दौड़े न की ये सोचे की यहाँ खड़े रहने पर तनख्वाह मिलेगी इसलिए खड़े होना है या हम लोगो के कहने का इंतजार कर रहे थे की जब हम “Plz Sir Help Us” ऐसा कहेंगे तब ही वो action लेंगे !
जब ground floor पर ही security नही तो कैसे उम्मीद करे upper floor की , जब सड़कछाप , चिड़ीमार लडको के मन में कोई डर नही भरेंगे तो क्या खाक आतंकवादी संगठनो में डर भरेगे !
गलियों की घटनाओ को lack of security सोच के तसल्ली देते है पर security करने वालो के सामने कुछ गलत हो और वो न रोके तो कैसे तसल्ली दे खुद को !
सामान्य आदमी नही बोलता क्योकि उसे Power नही है , तरीका नही पता है ! पर इन Local Security Guards को पूरी training दी जाती है , Power दी जाती है , अधिकार दिया जाता है ! training सिर्फ इसलिए नही दी जाती की वर्दी दी जाएगी तभी , बल्कि वर्दी इसलिए दी जाती है की जब वो उसको पहने तो उस field में आने का मकसद याद रखे !

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