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C -SAT – प्रतियोगिता तब सार्थक बनती है जब समान स्तर से सब दौड़े !

My Thought
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CSAT , I.A .S Pre का नया प्रश्न पत्र , उम्मीद है की इस बार अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्यादा होगी क्योकि इसका syllabus वही है जिसकी सामान्यतः 12vi के student तैयारी करके प्राघाड हो गये होते है ! इंजी. आदि की तैयारी में लगे तथा प्रवेश कर गये विद्यार्थी भी इसमें भाग्य आजमाएंगे ! जब ये pattern चर्चा में था की ये लागू होगा , तभी हमारे कुछ छोटे भाइयो ने हमसे संपर्क करके inquiry की, सब तफरी के मूड में इसे देने को है ! G . S . कोई निकल पायेगा क नही ये किसी को नही अंदाज़ा पर CSAT qualify करने का भरोसा सबको था ! अभी आर्ट साइड के बच्चो के पास I.A .S , PCS एक संजीवनी जैसा रहा है मतलब कला के विद्यार्थीयो के पास बहुत सीमित area रहे है, अन्य stream के student की अपेक्षा ! अब इस pattern से प्रतियोगी काफी बढ़ेंगे ! अच्छी बात ही है ! अभी उसका syllabus आये कुछ ही दिन हो गये है पर उसका पेपर कैसा होगा इसका सही से खाका नही खिच पाया है कुछ दिन पहले एक वेब पोर्टल पर हमने पेपर के दर्शन किये ! जैसा बैंकिंग और ssc में पढाया जाता है , उसी base पर था सब ! वैसे उत्तर याद रखना ये हमारा सबसे कमज़ोर पक्ष रहा है इसीलिए 2nd श्रेणी में खुद को happy रखते है ! पर नए pattern में देखना है की कितने पानी में रहते है हम क्योकि काफी कुछ ये यादाश्त पर नही बुद्धि प्रयोग पर निर्भर है !
पर पेपर देखने पर हमे फिर भी कुछ अफ़सोस हुआ क्यों???…. क्योकि इसकी वजह से वो अभ्यर्थी मात खायेंगे जो हमारी तरह हिंदी माध्यम , सरकारी स्कूलों में पढ़े है ! यह बात सर्वविदित है की हिंदी माध्यम के विद्यार्थी चाहे जितने ज्ञानी हो अंग्रेजी में दाये-बाये देखने लगते है ! हम उन कुछ किस्मती लोगो में से है जिसे भगवान की कृपा से upbringing & surrounding ठीक-ठाक मिली है , जिससे हमे आज फायदा मिलता है ! चुकी हमारे पिता जी अधिकारी पद पे थे , तो उनके द्वारा हमे translation करवाना , word meaning याद करवाना , passage बोल के पढवाना , 5 में से 1 अंग्रेजी की कॉमिक्स लाना , ये सब हमे आज लाभ दे रहा है ! यद्यपि हमारी अंग्रेजी बहुत अच्छी नही है पर फिर भी हम अपने जैसे अन्य हिंदी माध्यम के स्टुडेंट से अच्छी हालत में है ! हम उनकी समस्याओ से अच्छे से परिचित है ! अभी एक अंग्रेजी व्याकरण की प्रतियोगी क्लास में नियमो को मुह ज़ुबानी रटाया गया था चुकी हम रटने में कमज़ोर रहे है इसलिए चुप रहते थे हमारे साथ के कुछ मित्रो ने सब के सब नियम अच्छे से रट लिए थे लेकिन पर जब हम उनसे सामान्य से अंग्रेजी के वाक्य बोलते तो वो उसे समझने में अक्षम रहते थे!
समानार्थी एवं विपरीत शब्द रटते – रटते नानी याद आ जाती है फिर भी ये सोच के खुश थे की चलो ias एवं pcs में ये लफड़ा नही है और mains में है भी तो वो भी passing और इतना तो कर ही लेंगे ! पर ये नया pattern ज्यादा झटके वाला है !

जो ये pattern final करते है वो ये बात इसलिए नही समझ पाते क्योकि वो स्वयं तो बहुत qualified होते है चुकी वहां तक पहुचे है तो घर में सम्रधी भी होगी ही, उनके स्वयं के बच्चे अच्छे स्कूलों में तालीम ले रहे है जब सब आसपास अनुकूल है तो वो प्रतिकूल तथ्यों की तरफ वो ध्यान नही दे पाते या कहे की ध्यान देने की ज़रूरत नही समझते ! वे ऐसे pattern को लाते समय ये भूल जाते है , की जो पाचवी में आने के बाद भी syllabus में छोटी & बड़ी A b C d पर ही अटका होता है उसका क्या होगा , ऐसे कितने ही शिक्षक है जो शिक्षक हो कर भी अंग्रेजी को धाराप्रवाह पढ़ नही पाते और अंग्रजी की बात छोडिये कई पिछड़े इलाको में तो कुछ महानुभाव हिंदी पढने में भी दिक्कत में आ जाते है! ऐसे कितने ही सरकारी स्कूल है जो शिक्षको की नियुक्ति के बाद भी खाली रहते है , जब शिक्षक निष्क्रियता दिखाते है तो भला विद्यार्थी कैसे सक्रियता दिखायेंगे , और अगर पढने की इच्छा रखे भी तो किससे पढ़े ?? जैसे- जैसे बड़े होते है ‘जीवन का मुकाम पाना है’ ये बाते जब समझ आती है तो वो उस दिशा की और बढ़ते है लेकिन उस रस्ते पर जब वो हम मुसाफिरों को देखते है तो पता चलता है की वो तो बहुत पिछड़े है कुछ सफल भी होते है पर ज़्यादातर हीनता से घिर कर वापस लौट जाते है ! प्रतियोगिता तब सार्थक बनती है जब समान स्तर से सब दौड़े !

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