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तिरंगा जब हाथ में आता है तो एक अच्छा सा आहसास होता है ! कुछ साल पहले ही तिरंगे तक आम आदमी की पहुच को आसान कर दिया गया है इसलिए अपना राष्ट्रीय धवज काफी देखने को मिल जाता है ! एक तरफ तो यह कदम काफी अच्छा है पर दूसरी तरफ देखिये तो क्या जो नियम है , तिरंगे क उपयोग के है , उनका उचित पालन हो रहा है ?
हमारी गली में एक बच्चा छोटे से तिरंगे को पकड़ कर टहल रहा था , वो अपने हमउम्र्र बच्चो के पीछे-पीछे दौड़ भी रहा था , कब वो उस तिरंगे को सड़क पर छोड़ दे पता नही और हम उसके हाथ से ले=ले ये भी संभव नही ! …ऐसे ही एक अधिकारी पदासीन व्यक्ति के यहाँ भी यही माहोल था वो अपने बच्चे को गोदी ले रहे तो झंडा सुकुड़ा जा रहा , बच्चा खिलोने की तरह खेल रहा ये सब अनजाने में ही हो रहा था पर जब हम परिपक्व और सुशिक्षित भी सही से बर्ताव नही कर पा रहे है तो बाकि का क्या कहे !
नेट पर ही एक जागरूकता वाला सन्देश हमे मिला जिसे हमने अपने सारे दोस्तों में वितरित किया था ! ‘ जिस में तिरंगे को कैसे प्रयोग करे ? व कट फट जाने पर destroy करने के तरीकों को भी बताया गया था ‘ वो हम पहले भी पढ़ चुके थे ! तिरंगे का प्रयोग सार्वजानिक करने के समय भी यही सब कुछ सन्देश दिया गया था ! पर ये कितना व्यवहारिक है ? हम अगर अपने तिरंगे को ख़राब हालत में देखे तो उठा क destroy कर तो देंगे पर कभी-कभी ऐसे उठाना संभव नही भी होता है तब क्या करे ?
इस पेशोपेश में हमने सोचा की , तिरंगे का प्रयोग कुछ निश्चित स्थानों में हो पर आधिक संख्या में ताकि सबकी नज़र में अच्छे से आये !
– सभी सरकारी तथा गैर -सरकारी भवनों में व्यापक रूप से तिरंगे का प्रयोग हो ,
– स्कूलो में हर बच्चे के हाथ में तिरंगा न दे कर स्कूल के गेट को तथा पूरे स्कूल को तिरंगे से सराबोर करे इससे बच्चो को आकर्षण तो होगा ही साथ में ज़िम्मेदारी उन संस्थाओ की बन जाएगी की अब वो उसे उचित ढंग से हटाये भी !
– ऐसे ही ज़िम्मेदारी बांध के चौराहों आदि पर भी राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा लगवाना चाहिए ! ऐसे आमजन को भी craze होगा तथा तिरंगे को लगाना-हटाना भी ज़िम्मेदारी से होगा !
– हर धार्मिक स्थान पर भी तिरंगे लगने चाहिए !
हर area के विधायक को यह ज़िम्मेदारी देनी चाहिए की वह अपने area के भवनों ,स्कूलो , धार्मिक स्थानों आदि पर बहुसंख्या में तिरंगे को लगवाये , बहुसंख्या पर इसलिए बल दे रहे है क्योकि ये सच है की बहुत रोमांचित महसूस होता है ऐसे , तथा पर्व के बाद वो ही यह देखे की उचित तरीके से झंडे हट गये है की नही ! एक व्यक्ति को ज़िम्मेदारी देने से जवाबदेही आसान होती है !
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