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UP Board – नक़ल रोकने क लिए शाखा में बाँट दे तो शायद …..

My Thought
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शिक्षा का अर्थ होता है जीवन जीने का तरीका बताना या सीखना ! लेकिन वर्तमान समय में एक डिग्री का certificate से ज्यादा उसे कुछ नही समझा जाता है ! वर्तमान में आज-कल बोर्ड परीक्षाओ में नक़ल करवाने वालो की भीड़ की फोटो देख के ऐसा लगता है की जैसे क्रिकेट मैच का प्रसारण देखा जा रहा है ! गौर करने पर देखा जाये तो ऐसी नक़ल interior areas में ही ज्यादा होती है ! एक परिचित डिग्री की lecturer के कई अनुभवों से हमे बहुत आश्चर्यजनक बाते पता चली जैसे की एक लड़की जो की B .A में दाखिले के लिए आई थी उसे ‘ भारतीय ‘ लिखना भी नही आता था अगर उससे इमला लिखवाया जाता तो पता नही क्या होता ! उसी प्रकार से उस lecturer के क्लास टेस्ट में एक लड़की फ़ैल हो गयी तो जब उसे डांटा गया तो तो वो मुस्कुराने लगी ऐसी हरकत पर प्रश्न करने पर उसका जवाब मिला की ये जितना भी number मिले है पहली बार उसकी मेहनत से मिले है उसे इस बात की बहुत ख़ुशी हो रही थी क्योकि इससे पहले १२वि तक की कोई परीक्षा उसने नही दी थी ! हम तो “हैं – हैं ” ही करते रह गये थे जब ये सुना था ! हमे विश्वास नही हो रहा था पर ये सच था वो भी लखनऊ के पास के गाँव से आई थी ! वहां उसकी सभी परीक्षाये दूसरे देते थे ! ये आलम है UP Board का !

इस में कौन ज़िम्मेदार है ज़यादातर का जवाब होगा ‘शिक्षा विभाग’ तो अभी बीते हफ्तों की एक घटना का हम जिक्र करते है ! एक शिक्षा विभाग के आधिकारी अपनी flying स्कोट की टीम के साथ ऐसे ही बीहड़ स्कूलों की नक़ल पकड़ने की छापेमारी कर रहे थे ! उस टीम में हमारी कुछ परिचित है तो उन्होंने ही वहां के हालत का , अंधेर नगरी का आखो देखा हाल बताया ! ऐसे ही एक स्कूल में भयंकर नक़ल होते देख कर उक्त आधिकारी ने उसे ब्लैक लिस्ट करने का निश्चय किया और जैसे ही कार्यवाही शुरू करने का कदम बढाया तब ही फ़ोन की घंटी घनघनाने लगी ! तुरंत एक मंत्री पुत्र का फ़ोन आया ! तो उक्त मंत्री पुत्र ने तुरंत अनुरोध कर दबाव बनाना शुरू किया ” अरे सर , देख लीजिये , जाने दीजिये ” फलाना-फलाना ! उस अधिकारी का जवाब सिर्फ इतना था ” क्या आप आगे भी यही करते रहेंगे ?” और फिर कुछ मिनटों में राजनितिक सदस्यों के लगातार फ़ोन पे फ़ोन आने लगे ! और एक बार फिर एक सरकारी अधिकारी को अपना मन मारकर अपने कर्तव्य से विमुख होना पड़ा !

ऐसे ही घटना में एक परीक्षक केन्द्रक ने रिश्वत ली तथा अपने साथ नियुक्त एक नयी शिक्षिका को भी रिश्वत की हिस्सेदारी दी उसने मना कर दिया लेने से तो उसे ये कह के ज़बरदस्ती दे दिया गया के “हम चोर और तुम शाह बनोगी” !
दूर दराज़ के गाँव के परीक्षा केन्द्रों की ज़िम्मेदारी बहुत से बाहुबली राजनीतिज्ञों की रहती है जो की फीस के आलावा प्रति पेपर के हिसाब से उन्हें पास करवाने की ज़िम्मेदारी लेते है ! सबसे रुचिकर बात हमे ये पता चली के ऐसे केन्द्रों पे दूसरे राज्यों से भी छात्र आकर परीक्षा दे रहे थे , जैसे higher studies के लिए आये है !
एक परिचित से पता चला के ऐसे बीहड़ केन्द्रों की सकरी रास्तो को बोर्ड परीक्षाओ के समय उखाड़ दिया जाता है कारण आप समझ सकते है !
छात्र तो छात्र , उनके परिजनों को भी समझा दिया जाता है के यदि flying स्कोट आये तो कैसे उनके रास्तो में व्यवधान डाले क्योकि उनके बच्चो का भविष्य वो अन्दर, अच्छे से उज्जवल कर सके !

U P Board में नक़ल करते व करवाते देख कर हमारे मन में कुछ विचार आये मसलन –

– क्या इस तरीके से पास होने वाले लोग क्या कोई प्रतियोगिता निकाल सकते है ? – बिलकुल नही
– क्या 12th के बाद अच्छी professional डिग्री ले सकते है ! – नही capability ही नही होगी !
– और क्या ये दोनों बाते ऐसे छात्रों के मन में हो भी सकती है ? – नही … क्यों नही ?? क्योकि वो कितने पानी में है, ये वो खुद भी जानते है !

हम कुछ ऐसे भी नकलचियो को भी देख चुके है जो ‘ कृपया पन्ना पलटिये ‘ जैसे वाक्यों को भी छाप देते है अपनी कॉपियो में ! … तो फिर क्यों 10th व 12th की परीक्षाये देते है जब उनकी इच्छा ही नही पढने की ? इसका कारण हमारे ख्याल से ये है की उन्हें लगता है की आज के समय में ये certificate शायद उन्हें रोज़गार दिला सकता है और उन्हें “शिक्षित” होने का तमगा दिलवाता है पर इस तरीके से कार्यो का परिणाम यह होता है की U P Board की छवि ख़राब होती है ! नक़ल करने वाले, हमे नही लगता की बहुत अच्छे अंक पाते है क्योकि हमने भी कई उत्तर पुस्तिकाए देखी है जहाँ पता चल रहा होता है की छात्र ने क्या किया है ? तो ऐसे छात्रों के लिए जिन्हें शिक्षित होने का व रोजगारपरक बनाने का सपना पूरा करने के लिए , उनके लिए U P Board की तर्ज़ पर एक और U P Board की शाखा बने जिसमें की ८वि के बाद प्रवेश हो जहाँ कोई विशेष practical base शिक्षा दी जाये जहाँ रटने पर नही practical पर बल दिया जाये ! महत्व बराबर रखे लेकिन शाखा में बाँट दे कुछ ऐसा करे ताकि जो नक़ल करके लिखने की “मेहनत” करते है उन्हें सही दिशा मिले व उनके स्तर की शिक्षा मिले !
शिक्षा में सुधार के कई स्तरों में नक़ल रोकने के विषय पर ऐसे कुछ कदम उठाने की आवशयकता है!

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