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भारतीय वायु सेना / Indian Air Force – जब एक बात पता है की फलां लड़ाकू विमान में ये ही दिक्कत सदा रहती ही है तो क्यों आखिर जान-बूझ कर हमारे महत्वपूर्ण और हीरे जैसे बहुमूल्य युवाओ को खतरे में डाला जाता है

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एक IAF pilot बनने में आयु चाहिए होती है 19 से 23 साल , पढाई में 60 % से नीचे वालो को नही लिया जाता यानी पढाई में अव्वल रहने वाले युवा ! चयन प्रक्रिया में 4 चरणों में से गुज़रना होता है पहला लिखित सफल होने पर , दूसरा चरण उस में अधिकारी बनने की योग्यता की खोज की जाती है जिस में 6 दिन उसको अलग-अलग तरीके से टेस्ट किया जाता है इस में सफल होने पर, मेडिकल जाँच फिर इस में भी सफल होने पर, अंतिम प्रक्रिया में सभी चरणों में उसका प्रदर्शन देख कर पूरे भारत में से कुछ का चयन होता है यानी बुद्धि , विवेक , बल सबको आक के , एक-एक भारतीय वायु सेना के आधिकारी का चयन होता है ! फिर शुरू होता है उनका कड़ा प्रशिक्षण ! इतने हीरो को परख के उनको आकार दे कर जब वो कीमती पत्थर बनते है तो क्या होता है एक तकनीकी खराबी से एक ‘जान’ वो जीवन जो की कइयो को जीवन दे सकता है उसका अंत हो जाता है और उन्ही गिने चुने कारणों को जान के भी कोई खास प्रयत्न नही किया जाता की ऐसी कोई दुर्घटना दुबारा न हो ! अभी हाल के समय में कितनी ऐसी फ़िज़ूल की म्रत्यु हमारे IAF pilots की हुई है , और कभी कोई राजनीतिक चर्चा इस मुद्दे पर नही की गयी ! MiG ( MIkoyan Gurevich ) 1950 से प्रयोग में आया है ! कहा गया है की मिग -२१ पुराना हो गया है और इसकी जगह ” तेजस “(LCA ) आना है पर उसे आने में कुछ साल लगेंगे उसे बनने में १७ साल का समय आया है जो की २०१७ में पूरा होगा ! लेकिन जब अगर पता ही है की इन-इन लड़ाकू विमानों में खराबिया है ही तो जान-बूझ कर क्यों पायलटो को उसे उड़ाने को भेजा जाता है ??
पिछले साल ही Chief of Air Staff P V Naik ने कहा था की विभिन्न श्रेणियों में करीब 400 पायलटो की कमी है ! हाल ही के एक लेख के मुताबिक वायु सेना में 2007 में 1,366 पायलटो की कमी थी यानी 11.27 % ! एक लेख के मुताबिक हमने पढ़ा था की 12,120 अधिकारियो में से करीब 1400 अधिकारियो की कमी है और ये आकड़ा केवल आधिकारियो का है नीचे के पदों का नही !
अंतिम ३ सालो में IAF में 25 लड़ाकू विमान क्रेश हुए है जिस में ५ पायलट और कई आम नागरिक मारे गये है ! इनमें दर्ज़न से ज्यादा मिग -21 ही थे !
1993 – 1997 के मध्य 80 प्लेन गवाए है ;
1993-2003 के मध्य 208 एयर क्राफ्ट क्रेश हुए है जिन में 92 मिग-२१ थे ;
५ सालो में २२ मिग क्रेश हुए है !
1970 से 1000 aircraft क्रेश हो चुके है !
……… इन दुर्घटनाओ का कारण रहे है –
– aircrew error & तकनीकी खराबिया ये 40 % दुर्घटनाओ का कारण रही है ,
– बाकी का कारण servicing error , bird hits और ऐसे कुछ अन्य कारण !

…………………………….. इन दुर्घटनाओ में मिग २१ सबसे ज्यादा अपने खराबियो के कारण crash होता रहा है तो जब एक बात पता है की फलां लड़ाकू विमान में ये ही दिक्कत सदा रहती ही है तो क्यों आखिर जान-बूझ कर हमारे महत्वपूर्ण और हीरे जैसे बहुमूल्य युवाओ को खतरे में डाला जाता है ! वो जिस field में है वहां “NO ” जैसा कोई शब्द नही होता जो कहा जाता है वो बिना सवाल के किया जाता है ! परन्तु इतनी shortage के बाद भी हमारे जो युवा इस risky field में आते है उनका कोई मूल्य नही समझा जाता , आज MNC के उच्च वेतन व वैभव पूर्ण- आरामदायक जीवन को महत्व न देते हुए जो युवा फ़ौज में आते है उनकी इतनी कद्र तो करनी ही चाहिए , न छुट्टी , न परिवार के सदा साथ रहने का सुख , खतरनाक career ये सब तो चलिए उन्हें पता ही है के ऐसा जीवन है फौजियों का पर जितनी सुरक्षा व ध्यान उन्हें दिया जा सकता है और जिसके वो हक़दार भी है तो कम-से कम इतना तो करना ही चाहिए उन्हें बिन बात के जीवन गवाने से बचाना चाहिए ! जिनसे ये देश सुरक्षित है उन्ही फौजियों की कोई चिंता नही ये चिंतनीय है !

IAF lady officer

370[1]

indiasfemalepilots

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