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जीवनपर्यंत कैद या फांसी के आलावा कोई भी विकल्प उचित नही है

My Thought
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नारी जिसे कुछ लोग अबला भी कहते है ईश्वर की एक powerful रचना है ! अबला जैसे शब्दों का प्रयोग करने वाले मूर्ख ही लगते है ! क्यों अबला ?? विश्व के ताकतवर से ताकतवर , बलिष्ट पुरुष इस संसार में प्रवेश एक महिला के कारण ही करता है उसके अंगो का निर्माण , उसमे प्राण सब एक महिला की कोख में ही पनपते है ! 9 महीने एक महिला ही ऐसे पुरुष को सरक्षण देती है तब वो इस दुनिया में आकर एक पुरुष कहलाता है ! एक बलिष्ट पुरुष को जीवन एक महिला की ही क्रपा से मिलता है !
किसी भी महिला के लिए उसका कौमार्य बहुत मायने रखता है ! ईश्वर ने महिलाओ को कोमल कद काठी दी है तो ये उनका एक गुण है इसको ले कर कोई उदास होने वाली बात नही है ! लेकिन बलात्कार जैसी घटनाये इस गुण को अवगुण का बोध कराने लगती है ! आज के समय में कोई ऐसी लड़की नही होगी जिसे छेड़-छाड जैसी घटनाओ से दो-चार न होना पड़ा हो! किसी के touch से ही समझ आ जाता है की ये गलती है की जानबूझ कर की गयी गलती ! कोई भी लड़की इस अहसास को समझती है जब कोई उसे गलत इरादे से touch करता है उस घटना के बाद अजीब से चिढ होती है , स्वभाव में irritation व गुस्सा भर जाता है , इच्छा होती है की उस अंग को एसिड से साफ करे , गंगा जल से नहाये ये अहसास न केवल मेरे स्वयं के है बल्कि मेरे साथ की अन्य लडकियों के भी है ! ये गलत touch मानसिक रूप से बहुत परेशान करता है और कई दिन तक नही भूलता है ये ! ऐसे में उन लडकियों पर क्या बीतता होगा जो बलात्कार जैसी घटनाओ का शिकार होती है ! एक गलत स्पर्श जब इतना परेशान करता है तो उन लडकियों की क्या मनोस्थिति होती होगी , ये सभी लडकिया अच्छे से समझती है !
जहाँ समाज में हर पद तक महिलाओ ने पहुच बनायीं है वहां ऐसी घटनाओ की बढ़ोतरी बहुत अजीब है ! जिस देश की बहुमत वाली सरकार की पार्टी प्रमुख एक महिला है , जिस देश की कुछ महीने पहले तक राष्ट्रपति एक महिला रही हो , जिस देश की कानून लागू करने वाली सभा लोकसभा की अध्यक्ष एक महिला हो , जहाँ ऐसे राजनीतिक स्थानों पर महिलाओ की मौजूदगी है वहां ऐसी घटनाओ पर कोई ठोस कदम न उठाना बहुत ही निंदनीय है ! स्वयं कमांडो तथा विभिन्न फोर्सो से घिरे रहने के कारण उनको ऐसी असुरक्षा की भावना नही है पर कल्पना करके तो समझ सकती है की क्या बीतता होगा ऐसी घटनाओ की शिकार महिलाओ पर !
अखबार में बलात्कारियो को नपुंसक बनाने के सुझाव पर नज़र पड़ी जिसको विवादस्पद बयान कहा गया था शायद यह मानवाधिकारों के तहत उचित न हो पर इसमें गलत भी तो क्या है ! बलात्कार किसी हत्या के बराबर ही होता है ! हत्या में बन्दूक से एक गोली निकलती है शरीर में लगती है और इंसान मर जाता है ! परन्तु बलात्कार में क्या होता है एक लम्बी अवधि तक एक महिला रोती होगी , मिन्नतें करती होगी , दर्द से गुज़रती होगी और इस बीच उसके “मानवाधिकारो” की वो लोग धज्जिया उड़ाते होगे तो फिर बाद में उनके प्रति इतनी दया क्यों , क्यों बाद में उन्हें इसकी ऐसी ही सजा नहीं मिलती है! आज जैसे एक के साथ किया है कल औरो के साथ भी करेंगे जब एक बार में दिल नही पसीजा तो आगे कैसे पसीजेगा ?
आज जो घटनाये हुई वो मीडिया के कारण चर्चा में आ जाती है परन्तु छोटे शहरो और खासतौर से ग्रामीण इलाको का क्या ? गली मुहल्ले में हुई ऐसी घटनाओ के खिलाफ कौन आवाज़ उठाएगा ? सख्त सजाए लोगो का विश्वास बढाती है , उन्हें लड़ने की हिम्मत देती है की वो जीती तो उन पापियों को ये सख्त सजाए मिलेंगी ! उनका बदला ये सजाए लेंगी !
ऐसे में कुछ कदम उपयोगी है जैसे-
-> ऐसे बलात्कारियो की फोटो उनके पैतृक तथा व्यावसायिक क्षेत्रो में लगने चाहिए!
-> अखबार में फोटो तथा आवास तथा कार्य सम्बन्धी पूरी सूचना निकलनी चाहिए ताकि देश में सभी जगह सभी लोगो को पता चले !
-> fast track अदालते बने !
-> non bailable warrant जारी हो !
-> पीडिता की सुविधा से कोर्ट बैठे; जैसे अटपटे सवालो से असहज होने से बचने के लिए सिमित लोगो के बीच गवाही हो !
-> फासी तो अच्छा विकल्प है ही क्योकि प्राणों को खोने का डर मनुष्य में सबसे ज्यादा होता है !
-> जीवन के अंत तक कैद यानी उम्रकैद भी अच्छा विकल्प है क्योकि इससे वो हर दिन घुट-घुट के जियेगा !
उम्र कैद व फासी के आलावा कोई भी विकल्प उचित नही है यहाँ ! कई लोग लडकियों के कपड़ो से ऐसी घटनाओ को जोड़ते है जो की बहुत ही ओछा विचार होता है क्योकि ये घटना किसी micro -mini से साड़ी व बुर्के वाली तक सबके साथ होती है ! किसी पुरुष का साथ भी काम नही आता है जैसा की कई घटनाओ में देखा गया है !
ऐसी घटनाओ को रोकने का एक ही उपाय है की लोगो में सजाओ का खौफ हो ! ऐसे में मीडिया ही है जिससे सभी राजनितिक दल डरते है वो ही सरकार पर आम जनता की आवाज़ बनकर दबाव बनाये तो ही ये सख्त सजाए जल्द से जल्द लागू हो सकती है !

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