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खुद को सताने में अब, मज़ा आता है

My Thought
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ज़िन्दगी जब आइना दिखाती है, तो, मज़ा आता है,

पहले भी रोते थे , और आज भी रोते है ..पर अब के रोने में, मज़ा आता है.

ज़लालत अब अपमानित नही करती, क्योकि अब वो awakening call लगती है,
….और इस call को अब सुनने में, मज़ा आता है.

इंसान की हल्की चमड़ी होने से कोफ़्त होता था.. अब मोटी चमड़ी में रूपांतरित होने से, मज़ा आता है .

भावनाये बहुत दुखाती थी.. अब भावना शून्य होने में, मज़ा आता है.

भावनाये पहले हावी थी.. आज भावनाओ पे हावी होने में, मज़ा आता है.

पहले बात – बात पर आँखों में आंसू आते थे .. आज हर एक बात पर हसते जाने में, मज़ा आता है.

पहले रो कर मन खाली करते थे ,
….आज मन को भारी रखने में, मज़ा आता है.

मन के खालीपन को मिटाने के लिए … मन को भारीपन से भरने में, मज़ा आता है.

ज़हर जो कड़वा था, आज मीठा लगता है … क्योकि अब इसमें, मज़ा आता है.

खुद को सताने में अब, मज़ा आता है.

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